मखाना की खेती करके किसान बढ़ाये आमदनी
Author-मनीष कुमार मीना, स कृषि अधिकारी ,कृषि विशेषज्ञ उद्यान विज्ञान
फॉलो करें-https://www.facebook.com/manishkhamriya/या विजिट करे वेबसाइट पर https://manishagrisolution.blogspot.com/?m=1
मखाना FOOD OF GOD, एक स्वादिष्ट व गुणकारी सूखे मेवे की श्रेणी में आता है। मखाना बादाम और काजू की तरह गुणकारी हैं। मखाना की प्रजाति हुबहु कमल से मिलती जुलती है,अंतर इतना की मखाना के पौधे बहुत कांटेदार होते हैं ,इतने कंटीले कि उस जलाशय में कोई जानवर भी पानी पीने के लिए नहीं जाता है। यह तालाब,नदी,और खेतो में पानी भरकर भी पैदा किया जा सकता है । परन्तु इसके बारे बहुत कम जानना ओर गुणों का महत्व मालूम नही होने के कारण किसान इसकी खेती की ओर कम अग्रसर हो रहे है।
इसकी खेती मुख्य रूप से बिहार मिथिलांचल में होती है। बिहार के दरभंगा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया सहित 10 जिलों में मखाना की खेती होती है। देश में बिहार के अलावा असम, पश्चिम बंगाल और मणिपुर में भी मखाने का उत्पादन होता है, मगर देशभर में मखाने के कुल उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है। मखाना अनुसंधान केंद्र ने एक नई प्रजाति 'स्वर्ण वैदेही' विकसित किया है, जिसकी खेती खेतों में भी की जाने लगी हैं।
मखाना को देवताओं का भोजन के नाम से भी जानते है ।जन्म हो या मृत्यु,शादी हो या गोदभराई, व्रत उपवास हो या यज्ञ हवन मखाने का हर जगह विशेष महत्व रहता है इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते हैं ।क्योंकि यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशी के उपयोग के उगाया जाता है ।
अधिकांशतः ताकत की दवाइयाँ मखाने के योग से बनायी जाती हैं,मखाने से अरारोट भी बनता है। मखाना बनाने के लिए इसके बीजों को फल से अलग कर धूप में सुखाते हैं.। बीजों को बड़े-बड़े लोहे के कढ़ावों में सेंका जाता है। कढ़ाव में सिंक रहे बीजों को 5-7 की संख्या में हाथ से उठा कर ठोस जगह पर रख कर लकड़ी के हथोड़ो से पीटा जाता है। इस तरह गर्म बीजों का कड़क खोल तेजी से फटता है और बीज फटकर लाई (मखाना) बन जाता है. जितने बीजों को सेका जाता है। उनमें से केवल एक तिहाई ही मखाना बनते हैं....।
औषधीय उपयोग
1. किडनी को मजबूत बनाये मखाने का सेवन किडनी और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है।
2.डाइबिटीज रोगी इसका सेवन कर लाभ पा सकते है।
3.मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है इसलिए जोड़ों के दर्द, विशेषकर #अर्थराइटिस के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
4.मखाने के सेवन से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है। रात में सोते समय दूध के साथ मखाने का सेवन करने से नींद न आने की समस्या दूर हो जाती है।
5.मखानों का नियमित सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और हमारा शरीर सेहतमंद रहता है।
6.मखाना शरीर के अंग सुन्न होने से बचाता है तथा घुटनों और कमर में दर्द पैदा होने से रोकता है।
7.गर्भवती महिलाओं और प्रसूति के बाद कमजोरी महसूस करने वाली महिलाओं को मखाना खाना चाहिये।
8.मखाना को दूध में मिलाकर खाने से दाह (जलन) में आराम मिलता है।
9. नपुंसकता को दूर करता है मखाने में जो प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेड, फैट, मिनरल और फॉस्फोरस आदि पौष्टिक तत्व होते हैं वे कामोत्तेजक को बढ़ाने का काम करते हैं। साथ ही शुक्राणुओं के क्वालिटी को बेहतर बनाने के साथ-साथ उसकी संख्या को भी बढ़ाने में सहायता करते हैं...।
अन्ततः मखाना एक गुणकारी, ओर आर्युवेदिक महत्व का फल है अत: कृषक इसकी खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
लेखक-मनीष कुमार मीना
2 Comments
Very good ��
ReplyDeleteThanks
ReplyDelete