आम की उन्नत बागवानी के लिए प्रमुख नयी संकर किस्में
Author-मनीष कुमार मीना, कृषि विशेषज्ञों, स.कृषि अधिकारी ,धोलपुर, राजस्थान
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आम mangifera indica, आम को फलों का राजा कहा जाता है और इसकी खेती भारत में पुराने समय से की जाती है। आम से हमें विटामिन ए और सी अच्छा स्त्रोत है और इसकि लकड़ी फर्नीचर बनाने के लिए प्रयोग की जाती है। कच्चे फल चटनी, आचार बनाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं और पक्के फल जूस, जैम और जैली आदि बनाने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। यह व्यापारिक रूप में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिमी बंगाल, बिहार, केरला, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, महांराष्ट्र और गुजरात में उगाया जाता है।
आज हम आम की नयी किस्मो के बारें में जानेंगे जिनसे अच्छा उत्पादन ओर मुनाफा कमाया जा सकता है।
अरुणिमा- यह किस्म पूसा नई दिल्ली से आम्रपाली एवं सेन्सेशन किस्मों के संकरण से विकसित की गई है। इसके पौधे मध्यम आकार के तथा नियमित फलन देने वाले होते हैं। यह किस्म देर से पकती है तथा तुड़ाई अगस्त के प्रथम सप्ताह में की जाती है। फल मध्यम आकार (250 ग्राम) औऱ सामान्य दशा में लगभग 10-12 दिनों तक फल खराब नहीं होते एवं उनकी गुणवत्ता बनी रहती है।
अरुणिमा- यह किस्म पूसा नई दिल्ली से आम्रपाली एवं सेन्सेशन किस्मों के संकरण से विकसित की गई है। इसके पौधे मध्यम आकार के तथा नियमित फलन देने वाले होते हैं। यह किस्म देर से पकती है तथा तुड़ाई अगस्त के प्रथम सप्ताह में की जाती है। फल मध्यम आकार (250 ग्राम) औऱ सामान्य दशा में लगभग 10-12 दिनों तक फल खराब नहीं होते एवं उनकी गुणवत्ता बनी रहती है।
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